Friday, 1 February 2013

~ 1/ Feb / 2013 ~

खूबसूरत फूलों की खुशबू की तरह
तन-मन महक उठे,
हर सुबह तुम्हें जगाए....,
सपनों का घर अपनों का घर,
खुशियों से चहक उठे,
मन खामोश न हो कभी....,
दूर दूर तक वहाँ जहां तक
कोई न जाता हो,
जाने को वहाँ ये मन बहक उठे,
मुलाकातें तो चंद रोज की
होती रहेंगी,
फूलों की ये बहार याद आए
बार बार,
दिल मे तेरे मेरे उसके प्यार की
कसक उठे,
जिसके लिए ये दिल सिसक उठे,
अच्छा चलो हंसो तो सही,
अभी भी सोये हो अलसाए हुए
जिस ख्वाब मे उठो तो सही,
देखो ओष की बूंदें कहाँ गयी ?
मिलने आया फिर कोई तुमसे
सूरज बन....,
रखो कदम सफर पर चलो तो सही,
मेरे दोस्त मेरे हम दम ....,
एक उजाला लिए ये नया दिन,
भूल सारे गिले साथ इसके
शुरुआत करो तो सही ,
की खूबसूरत इन फूलों की तरह
तन मन खिल उठे,
बिछड़ा कोई हमसे शायद
इस राह मे मिल उठे,
रोना तो बस रोना ही है....,
ये ज़िंदगी हसने का नाम है,
फैलो फिर से चमक उठो जियो तो सही ....:))*

~ Love With Prasneet ~



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