Friday, 15 February 2013

~ Happy Valentines Day Forever ~

Raat Gahri Ho Chali Hai ....,
Shayad Fir Se Kuch Kahne
Chali Hai,
Karwaten Badalte Bistar Par
Intzaar Kisi Ka Karti,
Ye Raat Begaani Nahi
Ye Raat Apni Ho Chali Hai ,
Sitaaron Sa Sajaa Asmaan
Ye Raat Saj Uthi Hai,
Aisa Lagta Hai Aashiqi Ki Baraat
Saare Jahan Me Aayi,
Deewali Sa Samaa hai
Bahar Kahin ,
Dekho Jara Ye Raat Roshan Ho
Uthi Hai....
Mujhe Pata Hai Mujhe Khabar Hai
Koi Aayega nahi Baat Karne ,
Mai Baat Kiye Ja Raha....,
Ye Mai Nahi Ye Raat kah
Rahi Hai,
Raat Jaise Beet Rahi Ek Junu Liye ....,
 Kisi Me Kho Chali Hai ,
Kisi Ki Ho Chali Hai ....:))*



Wednesday, 13 February 2013

14/February/2013

आज जहाँ को रोशन कर दो ,
और प्यार में नहला दो ,
छू छू कर आकाश  के तारे सारे ,
उन्हें जमी पर बिखरा दो ,
इस दीवानी आज सुबह  को ,
इस दीवानी आज शाम को ,
रात को ....,
और दीवाना सा कर दो ,
दो जहाँ को मिलने दो ,
बंद कलि  होठों की आज जरा
खिलने दो ,
आज जहाँ को प्यारा कर दो ,
खिल खिल कर खूब महकने दो ,
इस दीवानी आज सुबह को ,
इस दीवानी आज शाम को ,
रात को ....,
खूब जरा चहकने दो ,
जवां हो चले प्यार जहाँ
वहां नज़र न लगने दो ,
मत रोको ये सैलाब,
लगती है जो आग लगने दो ,
आज जहाँ को सावन कर दो ,
झूम झूम बरसने दो ,
बदले न आगाज़ कुछ ऐसा हो विश्वास ,
बहा दो प्यार की गंगा ,
आज जहाँ को निर्मल कर दो ,
पावन कर दो ....:))*

~ Happy Valentine Day Forever ~

~ Prasneet Yadav ~

Friday, 1 February 2013

~ Jab Mile Nahi Alfaaz Kabhi ~

जब मिले नहीं अल्फ़ाज़ कभी,
तड़प तड़प के रह जाऊँ,
सूनेपन के आलम मे ,
जाने क्या क्या कह जाऊँ,
ये लिख डाला किसके लिए ,
क्या मतलब है क्या है बात ?
खुद को कैसे मै समझाऊँ,
कुछ समझो तुम तो समझा देना,
खता हुई जो बतला देना,
मै अनजान मुसाफिर बस ऐसे ही
चलता जाऊँ,
करता जाऊँ खुद से ना जाने
कितनी बातें,
बात बात पर नए तराने....,
गीत कोई बनाऊँ,
जब नहीं मिले अल्फ़ाज़ कोई,
सिसक सिसक के रह जाऊँ,
रो रो कर....,
चलते हांथ मगर,
दिल का दर्द मै फरमाऊँ,
कभी डरूँ इस दुनिया से
और कभी न घबराऊँ,
तोड़ उम्र के सारे बंधन ,
मै सूली पर चढ़ जाऊँ,
फैलूँ कभी रोशनी बन,
जब मिले नहीं अल्फ़ाज़ कभी ,
सिमट सिमट के रह जाऊँ,
बस होता है वो पन्ना एक
जिसमे दिल को लिख जाऊँ,
बात है मेरी नज़र तुम्हारी ,
तुम सबसे वो पढ़वाऊँ,
यही है मेरी दुनिया एक ,
जब मिले नहीं अल्फ़ाज़ कभी,
जाने क्या क्या कह जाऊँ,
मै तड़प तड़प के रह जाऊँ ....:))*

~ Prasneet Yadav ~

~ 1/ Feb / 2013 ~

खूबसूरत फूलों की खुशबू की तरह
तन-मन महक उठे,
हर सुबह तुम्हें जगाए....,
सपनों का घर अपनों का घर,
खुशियों से चहक उठे,
मन खामोश न हो कभी....,
दूर दूर तक वहाँ जहां तक
कोई न जाता हो,
जाने को वहाँ ये मन बहक उठे,
मुलाकातें तो चंद रोज की
होती रहेंगी,
फूलों की ये बहार याद आए
बार बार,
दिल मे तेरे मेरे उसके प्यार की
कसक उठे,
जिसके लिए ये दिल सिसक उठे,
अच्छा चलो हंसो तो सही,
अभी भी सोये हो अलसाए हुए
जिस ख्वाब मे उठो तो सही,
देखो ओष की बूंदें कहाँ गयी ?
मिलने आया फिर कोई तुमसे
सूरज बन....,
रखो कदम सफर पर चलो तो सही,
मेरे दोस्त मेरे हम दम ....,
एक उजाला लिए ये नया दिन,
भूल सारे गिले साथ इसके
शुरुआत करो तो सही ,
की खूबसूरत इन फूलों की तरह
तन मन खिल उठे,
बिछड़ा कोई हमसे शायद
इस राह मे मिल उठे,
रोना तो बस रोना ही है....,
ये ज़िंदगी हसने का नाम है,
फैलो फिर से चमक उठो जियो तो सही ....:))*

~ Love With Prasneet ~