मेरे इस अंजाम का इल्ज़ाम तुझ पर है
दिया था तूने कभी आज वही
ईनाम तुझ पर है
अपनी पसंद बता कौन सी कलम से
लिखूं ये इबादत
बीत रहे इक इक लम्हे का
पैग़ाम तुझ पर है
ये मेरे दिल का है एक टुकड़ा सुन ले
इसकी आह क़ुर्बान तुझ पर है <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
एक मुद्दत से लिखा नहीं कुछ
आज लिखने की तमन्ना है
गुलाब की कोमल पंखुरियों सा
बनने की तमन्ना है
मुझे है पता वो मुझ पर यकीं नहीं करते
उनका यकीं बनने की तमन्ना है
इन ठंडी हवाओं की तरह
उनके संग संग बहने की तमन्ना है
मुझे आज बड़े दिनों बाद
उन्हें सुनने की तमन्ना है <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
चोरी चोरी साज़िश न कर
रात बहुत हो गयी
देख मुझे अच्छा नहीं लगता
नैनो से आंसुओं की
बारिश न कर
ये ज़ालिम ज़माना
इल्ज़ाम लगाएगा
जो तुझको इस सूरत-ए -हाल में
पायेगा
ये इश्क़-विश्क की बातें करके
मुझको घायल न कर <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
तुम्हे सुनते रहें हम ऐसे लम्हे की
तलाश करें
खुद अपने आप से ही कितनी बात करें
क्या कहें अब आप सुनते नहीं
हम ख़्वाबों में आप से कितनी
मुलाकात करें
दिल ये भरता नहीं सच है साथी
हम चाहे जितनी बात करें
रात को दिन या दिन को रात करें
तुम्हे सुनते रहें हम ऐसे लम्हे की
तलाश करें <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
मेरी आँख नम हो गयी,
गयी जब तू दूर
ज़िन्दगी ख़त्म हो गयी
भरी थी कितनी स्याही
इस दिल में
गिरी जब आँखों से
जमीं पे दफ़न हो गयी
क्या मांगे उस खुदा से
हम खुद से जुदा जुदा से
हैं वीरानियाँ इतनी
खुशियां जो मिली तुझसे
वो सारी कफ़न हो गयीं
गयी जब तू दूर
ज़िन्दगी खत्म हो गयी <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
आज लिख जाने को दिल करता है
कितना कुछ कह जाने को दिल करता है
तुम हो न साथ इसलिए
हर एक एहसास में भीग जाने को
दिल करता है
तुम इसे मेरे अंदर की रुमानियत समझो
या कुछ और
बस ऐसे ही इसी अंदाज़ में
जी जाने को दिल करता है
दूर रहकर ऐसे ही पास आने को दिल करता है
आज लिख जाने को दिल करता है <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
दिया था तूने कभी आज वही
ईनाम तुझ पर है
अपनी पसंद बता कौन सी कलम से
लिखूं ये इबादत
बीत रहे इक इक लम्हे का
पैग़ाम तुझ पर है
ये मेरे दिल का है एक टुकड़ा सुन ले
इसकी आह क़ुर्बान तुझ पर है <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
एक मुद्दत से लिखा नहीं कुछ
आज लिखने की तमन्ना है
गुलाब की कोमल पंखुरियों सा
बनने की तमन्ना है
मुझे है पता वो मुझ पर यकीं नहीं करते
उनका यकीं बनने की तमन्ना है
इन ठंडी हवाओं की तरह
उनके संग संग बहने की तमन्ना है
मुझे आज बड़े दिनों बाद
उन्हें सुनने की तमन्ना है <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
चोरी चोरी साज़िश न कर
रात बहुत हो गयी
देख मुझे अच्छा नहीं लगता
नैनो से आंसुओं की
बारिश न कर
ये ज़ालिम ज़माना
इल्ज़ाम लगाएगा
जो तुझको इस सूरत-ए -हाल में
पायेगा
ये इश्क़-विश्क की बातें करके
मुझको घायल न कर <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
तुम्हे सुनते रहें हम ऐसे लम्हे की
तलाश करें
खुद अपने आप से ही कितनी बात करें
क्या कहें अब आप सुनते नहीं
हम ख़्वाबों में आप से कितनी
मुलाकात करें
दिल ये भरता नहीं सच है साथी
हम चाहे जितनी बात करें
रात को दिन या दिन को रात करें
तुम्हे सुनते रहें हम ऐसे लम्हे की
तलाश करें <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
मेरी आँख नम हो गयी,
गयी जब तू दूर
ज़िन्दगी ख़त्म हो गयी
भरी थी कितनी स्याही
इस दिल में
गिरी जब आँखों से
जमीं पे दफ़न हो गयी
क्या मांगे उस खुदा से
हम खुद से जुदा जुदा से
हैं वीरानियाँ इतनी
खुशियां जो मिली तुझसे
वो सारी कफ़न हो गयीं
गयी जब तू दूर
ज़िन्दगी खत्म हो गयी <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४
आज लिख जाने को दिल करता है
कितना कुछ कह जाने को दिल करता है
तुम हो न साथ इसलिए
हर एक एहसास में भीग जाने को
दिल करता है
तुम इसे मेरे अंदर की रुमानियत समझो
या कुछ और
बस ऐसे ही इसी अंदाज़ में
जी जाने को दिल करता है
दूर रहकर ऐसे ही पास आने को दिल करता है
आज लिख जाने को दिल करता है <3
~ प्रसनीत ~
०५/२८/१४